जानिए ! शबे बरात में मगरिब बाद 6 रकअत नवाफिल नमाज़ किस तरह पढ़ी जाती हैं. (Shabe Barat Me Maghrib Baad 6 Nawafil Namaz Ka Tarika)
NAMAZ KE MASAIL
Shabe Barat Me Maghrib Baad 6 Nawafil Namaz Ka Tarika:
Kuch Auliae Kiraam alairahma Ka Mamool Tha Ke Shabe Bar’at Maghrib Baad 6 Nawafil Is Tarah Ada Farmate Ke
1⃣ 2 Rakat Nafil Namaz Padkar 21 Bar Sureh Ikhlaas Ya Ek Bar Sureh yaseen phir Dua Nifs shabaan padke esaale sawab kare aur Umar Daraz ki dua mangey.
2⃣ phir 2 rakat nafil namaz padke 21 Bar Sureh Ikhlas Ya Ek Bar sureh Yaseen Aur Duae Nifs Shaban padke Esale sawab kare aur Gharme barkat ki aur balao se hifazat ki dua kare.
👆 जायज मोहब्बत या पसंद की शादी के लिए वजीफा (ऊपर click करे)
3⃣ ab akhir bar 2 rakat nafil namaz padne ke baad phir 21 bar sureh Ikhlas ya ek bar sureh yaseen, dua nifs shaban esaale sawab kare aur sirf ALLAH ka mohtaj rakhe ye dua kare.
(📚Jame’ul Wazaif Page-481)
अल्लाह के वास्ते हमारे YouTube Channel को Subscribe करे…
👉 हमारी वेबसाइट में हर तरह की इस्लामी मसले मसाइल का हल और हर बीमारी का रूहानी इलाज अपडेट हैं , ज्यादा से ज्यादा शेयर करे और भी टॉपिक जरूर पढ़े।
🔸Shab-E-Bar’at Me Qiyam Aur Din Ka Roza
HADITH SHARIF
➤मौला अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि “जब शाबान की 15वीं रात आये तो तुम लोग रात को इबादत करो और दिन को रोज़ा रखो,बेशक इस रात में खुदाये तआला आसमाने दुनिया पर तजल्ली फरमाता है और ऐलान करता है कि है कोई मगफिरत का तलबगार कि मैं उसे बख्श दूं है कोई रोज़ी मांगने वाला कि मैं उसे रोज़ी दूं है कोई बला व मुसीबत से छुटकारा मांगने वाला कि मैं उसे रिहाई दूं रात भर ये एलान होता रहता है यहां तक कि फज्र तुलु हो जाती है|
इब्ने माजा,जिल्द 1,सफह 398
मिश्कात,सफह 115
अत्तरगीब,जिल्द 2,सफह 52
➤उम्मुल मोमेनीन सय्यदना आयशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा फरमाती हैं कि एक रात हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम मेरे पास से अचानक उठकर चले गए,जब मैंने उन्हें ना पाया तो उनकी तलाश में निकली तो आपको जन्नतुल बक़ी के कब्रिस्तान में पाया कि आपका सर मुबारक आसमान की तरफ था,जब हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ने मुझे देखा तो फरमाया कि ऐ आयशा क्या तुझे ये गुमान था कि अल्लाह का रसूल तुम पर जुल्म करेगा इस पर मैंने अर्ज़ की कि या रसूल अल्लाह सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम मैंने सोचा कि शायद आप अपनी किसी और बीवी के पास तशरीफ ले गए हैं,तो आप फरमाते हैं कि आज शाबान की 15वीं रात है आज रात मौला तआला इतने लोगों को बख्शता है जिनकी तादाद बनी क़ल्ब की बकरियों से भी ज़्यादा होती है|
तिर्मिज़ी,जिल्द 1,सफह 403
इब्ने माजा,जिल्द 1,हदीस 1389
मिश्कात,सफह 114
सोचिये कि जब एक नबी कब्रिस्तान जा सकते हैं तो फिर उम्मती क्यों नहीं जा सकते,इस हदीस से कब्रिस्तान और मज़ारों पर जाना साबित हुआ|
➤हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम रमज़ान के अलावा सबसे ज़्यादा रोज़े शाबान में रखते थे यहां तक कि कभी कभी पूरा महीना रोज़े से गुज़ार देते,सहाबिये रसूल हज़रत ओसामा बिन ज़ैद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम से इसकी वजह पूछी तो आप फरमाते हैं कि इस महीने में बन्दे के आमाल खुदा की तरफ उठाये जाते हैं तो मैं ये चाहता हूं कि जब मेरे आमाल खुदा की तरफ जायें तो मैं रोज़े से रहूं|
निसाई,जिल्द 3,सफह 269
➤ हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि बेशक इस रात अल्लाह तआला तमाम मख्लूक़ की बख्शिश फरमाता है सिवाये शिर्क करने वाले और कीना रखने वालों के|
इब्ने माजा,जिल्द 1,हदीस 1390
➤बाज़ रिवायतों में मुशरिक,जादूगर,काहिन,ज़िनाकार और शराबी भी आया है कि इनकी बख्शिश नहीं होगी या ये कि तौबा कर लें|
बारह माह के फज़ायल,सफह 406
➤ जो इस रात में 2 रकात नमाज़ पढ़ेगा तो उसे 400 साल से भी ज़्यादा का सवाब अता किया जायेगा|
नुज़हतुल मजालिस,जिल्द 1,सफह 132
➤हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि एक नफ्ल रोज़े का सवाब इतना है कि अगर पूरी रूए ज़मीन भर सोना दिया जाए तब भी पूरा ना होगा|
बहारे शरीयत,हिस्सा 5,सफह 95
NOTE –
नफ्ल इबादतें जितनी भी हैं चाहे वो नमाज़ हो या रोज़ा उसी वक़्त क़ुबूल होगी जब कि फर्ज़ ज़िम्मे पर बाकी ना हो,लिहाज़ा जिसकी नमाज़ क़ज़ा हो वो क़ज़ाए उमरी पढ़े और जिनका रमज़ान का रोज़ा क़ज़ा हो वो इस रोज़े के बदले रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा की नियत करे,अगर ऐसा करेगा तो इन शा अल्लाह तआला नफ्ल का भी सवाब पायेगा और उसके ज़िम्मे से क़ज़ा भी साकित होगा|
➤उम्मुल मोमेनीन सय्यदना आयशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा फरमाती हैं कि हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम को खाने में हलवा और शहद बहुत पसन्द थे|
बुखारी,जिल्द 2,हदीस 5682
➤शबे बरात में हलवा पकाकर ईसाले सवाब करना जायज़ और बेहतर है|
जन्नती ज़ेवर,सफह 123